मेरे-विचार 4 मई 2024 "बदलती स्थितियों को आँख मूंदकर सही या गलत समझ लेना, सकारात्मकता नहीं है। बल्कि उन परिस्थितियों में जागरूक हो कर निर्णय लेना ही सकारात्मकता है।" -स्मृति गुप्ता
मेरे-विचार 8 अप्रैल 2024 मन में बसने वाले नजरंदाजगी के नहीं, नाराजगी के हकदार होते है, क्योंकि नाराजगी में मनाने की गुंजाइस रहती है। -स्मृति गुप्ता
मेरे-विचार 2 अप्रैल 2024 प्रेम! दिए जैसा है, इसकी लौ प्रेमी मन को रौशन करती है, इसे जीवन की विषम परिस्थितियों में धैर्य, विश्वास और संयम रूपी हथेलियों के घेरे से, संभाल लेना ही…
मेरे-विचार 27 मार्च 2024 "कोई नाराजगी जाहिर करे, तो आभार मानो! कि गुस्सा पी कर, उसे जहर नहीं बनने दिया, शब्दों से मन साफ कर लिया।" -स्मृति गुप्ता
देश दर्शन और खाना पहाड़ों की रानी;मसूरी 23 मार्च 202427 मार्च 2024 उत्तराखंड के बारे में पिछली पोस्ट में लिख चुकी हूँ, आज इसी श्रंखला में उत्तराखंड के पर्वतों के बीच बसा शहर मसूरी और देहरादून के बारे में लिखूँगी। मसूरी या…
साहित्य, कविता और कहानियाँ गौरैया! 20 मार्च 2024 पेड़ों की डाल पर छत की मुंडेर पर ढूँढने पर भी, नहीं मिलती वो है नन्ही गौरैया बचपन में खेलते थे संग आँगन में चुगती थी दाना लुप्त तो नहीं, …
मेरे-विचार 19 मार्च 2024 "इंसान अपनी सुविधा से व्यस्त रहता है। समय और सम्मान गैरों के लिए, अपनों को दो पल भी नहीं।" -स्मृति गुप्ता
मेरे-विचार 12 मार्च 2024 "निश्चलता सदैव सुंदर, मनमोहक और सुकून देती है। इसीलिए प्रकृति और बच्चे मोहित करते हैं।" -स्मृति गुप्ता
मेरे-विचार 3 मार्च 2024 "समय पर 'ना' बोलना और समय के बाद बोलना, नासमझी के सिवा कुछ नहीं है।" -स्मृति गुप्ता